द्वितिय अखिल भारतीय आंबेडकरी विचार परिषद का नागपुर मे समापन - Middlepathnews

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Friday 29 November 2019

द्वितिय अखिल भारतीय आंबेडकरी विचार परिषद का नागपुर मे समापन


विश्व शांती के लिए केवल बुद्ध विचार ही प्रासंगिक है...!
-प्रा. डॉ. अरविंद आलोक, नई दिल्ली,भारत सरकार.

 नागपूर :  तथागत गौतम बुद्ध ने समताधिष्ठित विचारों का वारसा देकर, समस्त विश्व में नव चेतना की, हमे अनुभुती दी है. चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने, मानवतावादी बुद्ध भाव को संजोगे रखा. परम पुज्य बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर जी ने, तथागत बुद्ध के विचारों को पुनर्जिवित किया. बाबासाहेब आंबेडकर जी ने, भारतीय संविधान के द्वारा, भारत के तमाम जाती विशेष को, समता - स्वातंत्र - न्याय - बंधुता की परिघी में बांधकर, मानवतावाद की सिख दी. आज के इस आतंकवादी परिस्थिती में, केवल बुद्ध विचार ही विश्व शांती के लिये जरूरी है... यह शब्द है, आंतरराष्ट्रीय विचारविद प्रा. डॉ. अरविंद आलोकजी के...! ये विचार "सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (CRPC) शाखा - विदर्भ और नागपूर इकाई ने, "द्वितिय अखिल भारतीय आंबेडकरी विचार परिषद २०१९" में कहा है‌. 
         परिषद की अध्यक्षता, भारतीय रेल मंत्रालय के माजी सचिव इंजी. विजय मेश्राम ने की. जागतिक बौद्ध परिषद के अध्यक्ष एवं सी. आर. पी. सी. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मिलिन्द जीवने‌ 'शाक्य' स्वागताध्यक्ष थे. प्रमुख आयोजक डॉ. टी. जी. गेडाम, राष्ट्रीय सचिव सुर्यभान शेंडे, कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष सुब्रमण्या महेश, मराठवाडा विभाग अध्यक्ष इंजी. विवेक मवाडे विचार मंच पर उपस्थित थे. "समता न्याय संगर," इस स्मारिका का प्रकाशन प्रमुख अतिथी के हाथो हुआ.
            इंजी. विजय मेश्राम जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन कहा कि, समता - स्वातंत्र - बंधुता या मानवतावादी मुल्यों का पुरस्कार करने वाला, कोई भी व्यक्ती बुद्धत्व प्राप्त कर सकता है. भारत में आदर्श समाज तथा आदर्श राष्ट्र के निर्माण हेतु, बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर इनके विचारों पर चलना, बहुत ही जरूरी है. उदघाटन सत्र का संचालन डॉ. मनिषा घोष / डॉ. किरण मेश्राम इन्होने किया.
          प्रथम सत्र - "भारतीय राज व्यवस्था में आंबेडकरी मुव्हमेंट का अस्तित्व," इस विषय की अध्यक्षता नयी दिल्ली के आंतरराष्ट्रीय विचारविद, प्रा. डॉ. अरविंद आलोक ने की. प्रमुख वक्ता प्राचार्य डॉ. टी. जी. गेडाम, प्रा. डॉ. शैलेंद्र लेंडे, इंजी. विवेक मवाडे, सुब्रमण्या महेश इन्होने अपने विचार रखे.

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